Tuesday 6 December 2016

हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा है, और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है

भारत देश में अनेक राज्य हैं और उन सभी राज्यों की भी अपनी अलग-अलग भाषाएं हैं, इस प्रकार भारत क बहुभाषी राष्ट्र  है लेकिन उसकी अपनी एक राष्ट्रभाषा है जो कि "हिन्दी" है। 14 सितंबर 1949 को हिन्दी भाषा भारत की राष्ट्रभाषा घोषित की गयी। 26 जनवरी 1950 को भारत का अपना संविधान बना। हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। यह माना गया था कि धीरे-धीरे हिन्दी अंग्रेजी का स्थान ले लेगी।

हिन्दी और इसकी बोलियाँ उत्तर एवं मध्य भारत के विविध प्रांतों में बोली जाती हैं। भारत और विदेश में १०० करोड़ से अधिक लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की अधिकतर और नेपाल में कुछ लोग हिन्दी बोलती हैं।



हिन्दी राष्ट्रभाषा, राजभाषा, सम्पर्क भाषा, जनभाषा के सोपानों को पार कर विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है, भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्व स्तर पर अन्तरराष्ट्रीय महत्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। हिन्दी भाषा का अध्ययन विश्व के कई विश्वविद्यालयों में किया जाता है।

यद्यपि हमारी राज भाषा हिन्दी है, फिर भी हम वार्तालाप करते समय अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग करते हैं, भले ही वह अशुद्ध अंग्रेजी हो, हम सरकारी कार्यालय या जहां भी कार्य करते हैं, हमें हिन्दी में ही कार्य करना चाहिए। हम सभी को मिलकर इस मानसिकता का परित्याग करना चाहिए और हिन्दी के प्रयोग करने में गर्व अनुभव करना चाहिए।

Friday 28 October 2016

सभी को दीपावली पर्व पर बहुत बहुत शुभकामनाएँ - बिजय कुमार जैन

ये दिवाली आपके जीवन, में खुशियों की बरसात
लाए, धन और शौहरत की बौछार करे,
दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं!

बिजय कुमार जैन (bijay jain ) : 9322307908
सम्पादक
मैं भारत हूँ ( Main Bharat Hun )


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Wednesday 26 October 2016

राजस्थान की गोशाला में गायों के लिए एयर कूलिंग सिस्टम

जयपुर। राजस्थान के झुंझुनूं में 117 साल पुरानी एक गोशाला अपने आप में अनूठी है। देश की यह पहली ऐसी गोशाला है जहां गायों के नहाने के लिए शॉवर स्ट्रीट (फव्वारा सिस्टम) लगाया गया है। इसके एक छोर में गाय घुसती हैं और नहाती हुई दूसरी तरफ निकल जाती हैं। यहां दिनभर भजनों की धुन बजती रहती हैं। गायों के रहने के स्थान पक्के हैं। दिन में दो बार प्रेशरयुक्त पानी से इनकी सफाई होती है।

गायों को गर्मी से बचाने के लिए गोशाला में सेंट्रलाइज कूलिंग सिस्टम लगा हुआ है। 80 सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। देश की किसी भी कोने में बैठकर वेबसाइट के जरिये गोशाला की गतिविधियां ऑनलाइन देखी जा सकती हैं। यहां पूजा अर्चना के लिए नंदी पूजा गृह एवं गोशाला परिक्रमा स्थल भी बने हुए हैं।



गोशाला में वर्तमान में करीब 1000 गाय हैं। इनमें से 160 गाय दूध देती हैं। इनसे गोशाला को वार्षिक सवा करोड़ रुपए की आय होती है। झुंझुनूं के व्यापारी अपनी कमाई का 25 फीसदी गोशाला को देते हैं। इनसे सालाना 40 लाख रुपए मिल जाते हैं।

गोशाला प्रबंधन कमेटी के सचिव सुभाष क्यामसरिया के मुताबिक गोशाला में गायों के अंतिम संस्कार के लिए विद्युत चलित मशीन लगाने की योजना है। बारिश का पानी एकत्रित करने के लिए पांच लाख लीटर क्षमता का वॉटर टैंक बनाया जाएगा। सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की भी योजना है। गोशाला को पर्यटन विभाग से जोड़ने के लिए भी प्रयास किए जा रहे है।


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